THINK LIKE A MONK -Train Your Mind for Peace and Purpose Every Day By- Jay Shetty
About Book
आपको कà¥à¤¯à¤¾ लगता है इंसान कब खà¥à¤¶ रहता है? à¤à¤¸à¥€ कà¥à¤¯à¤¾ चीज़ है जो हमें सचà¥à¤šà¥€ ख़à¥à¤¶à¥€ देती है? कà¥à¤¯à¤¾ ये हो सकता है कि हम à¤à¤• मीनिंगफà¥à¤² लाइफ जी सके? आपकी ज़िंदगी का कà¥à¤¯à¤¾ मकसद है? कà¥à¤¯à¤¾ आप जानते है आप कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ जी रहे है? ज़ाहिर है इस तरह के सवाल हम सबके मन में उठते है पर हैरानी की बात तो ये है कि इन सवालों के जवाब इतने मà¥à¤¶à¥à¤•िल नहीं है जितने हमें लगते है बलà¥à¤•ि आप कà¥à¤› छोटे-छोटे कदम लेकर à¤à¤• सà¥à¤•ून और सà¥à¤–à¤à¤°à¥€ ज़िंदगी जी सकते है और यही मोंकà¥à¤¸ करते है. इसलिठआप à¤à¥€ उनके नकà¥à¤¶à¥‡-कदम पर चलकर मोंकà¥à¤¸ की तरह à¤à¤• खà¥à¤¶à¤¹à¤¾à¤² जीवन जी सकते है.
ये समरी किस-किसको पà¥à¤¨à¥€ चाहिà¤?
-जो लोग ज़िंदगी से खà¥à¤¶ नहीं हैं
-जो लोग बहà¥à¤¤ चिंता करते हैं
-जो लोग अपना better वरà¥à¤œà¤¨ बनने की कोशिश कर रहे हैं